कौशांबी जिला चायल छेत्र के अंतर्गत बसुहार निवासी मधुकर चौरसिया पुत्र स्वर्गीय छंगू लाल चौरसिया उम्र लगभग 45 वर्ष जो निहायत ही गरीब है इनके पास न तो खेती करने की जमीन और न ही मकान बनाने के लिए कोई जमीन है मधुकर चौरसिया को सरकारी योजनाओं का कोई भी लाभ नहीं मिल रहा है मधुकर चौरसिया गरीब होते हुए भी अपना हौसला बुलंद करते हुए लगातार अधिकारियों के चौखट पर योजनाओं का लाभ लेने के लिए फरियाद करते रहे लेकिन अधिकारी नहीं पसीजे और इन्हें सरकारी योजनाओं का किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है मौजूदा सरकार डंका पीटती है की हमने पूरे हिंदुस्तान में गरीब किसान के लिए कई योजनाएं चलाई है सरकार के सांसद विधायक सरकारी योजनाओं के पारदर्शी तरीके से लागू होने की बड़ी-बड़ी बात करते हैं लेकिन आज तक गरीब मधुकर चौरसिया को सरकार के द्वारा पारित कोई भी सुविधा नहीं मिली है मधुकर चौरसिया का न तो आयुष्मान कार्ड बना है और न ही कालोनी दिया गया न ही शौचालय दिया और न ही किसानो वाला पैसा मिलता है सरकार की योजनाओं के पारदर्शी तरीके से लागू होने की हकीकत का अंदाजा यही से लगाया जा सकता है
"कौशांबी जिला चायल छेत्र के अंतर्गत बसुहार निवासी मधुकर चौरसिया"
कौशांबी जिला चायल छेत्र के अंतर्गत बसुहार निवासी मधुकर चौरसिया पुत्र स्वर्गीय छंगू लाल चौरसिया उम्र लगभग 45 वर्ष जो निहायत ही गरीब है इनके पास न तो खेती करने की जमीन और न ही मकान बनाने के लिए कोई जमीन है मधुकर चौरसिया को सरकारी योजनाओं का कोई भी लाभ नहीं मिल रहा है मधुकर चौरसिया गरीब होते हुए भी अपना हौसला बुलंद करते हुए लगातार अधिकारियों के चौखट पर योजनाओं का लाभ लेने के लिए फरियाद करते रहे लेकिन अधिकारी नहीं पसीजे और इन्हें सरकारी योजनाओं का किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है मौजूदा सरकार डंका पीटती है की हमने पूरे हिंदुस्तान में गरीब किसान के लिए कई योजनाएं चलाई है सरकार के सांसद विधायक सरकारी योजनाओं के पारदर्शी तरीके से लागू होने की बड़ी-बड़ी बात करते हैं लेकिन आज तक गरीब मधुकर चौरसिया को सरकार के द्वारा पारित कोई भी सुविधा नहीं मिली है मधुकर चौरसिया का न तो आयुष्मान कार्ड बना है और न ही कालोनी दिया गया न ही शौचालय दिया और न ही किसानो वाला पैसा मिलता है सरकार की योजनाओं के पारदर्शी तरीके से लागू होने की हकीकत का अंदाजा यही से लगाया जा सकता है
